बुधवार, 2 जून 2010

ये तो सोचा न था.

ये कैसी विडम्बना है? २१ मई को निर्माता राकेश रोशन की अनुराग बासु निर्देशित और हृथिक रोशन और बारबरा मोरी अभिनीत फिल्म काइट्स रिलीज़ हुई थी। फिल्म से सभी को बेहद उम्मीदें थीं। मगर हुआ क्या? काइट्स हिंदुस्तान के तमाम सिनेमाघरों से अच्छा वीकेंड बिताने के बाद, बुरी तरह से असफल फिल्म घोषित कर दी गयी। लेकिन उस समय जब काइट्स हिंदुस्तान के बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी थी, सुदूर अमेरिका में यह फिल्म टॉप टेन पर विराजमान होने वाली पहली हिंदी फिल्म बन गयी थी। ऐसे में यह उम्मीद लगाना स्वाभाविक था कि काइट्स का विदेशी संस्करण काइट्स-द रीमिक्स ज़बरदस्त सफलता हासिल करेगा। यह उम्मीद भी स्वाभाविक थी। क्यूंकि काइट्स के अंतर्राष्ट्रीय संस्करण के लिए संपादन का काम होलीवुड के मशहूर डिरेक्टर ब्रेट रैटनर कर रहे थे। ब्रेट ने दो घंटे से ज्यादा की लम्बाई वाली काइट्स को काट पीट कर नब्बे मिनट की कर दिया था। इतनी लम्बाई होलीवुड के दर्शकों को रास आती है। मगर हुआ कुछ और ही। अपने हिंदी संस्करण से पहले वीकेंड में एक मिलियन डालर की कमी करने वाली काइट्स का रीमिक्स संस्करण मात्र ३.३७ करोड़ ही कमा सका। दरअसल काइट्स के साथ सबकुछ खराब ही हुआ था। अनुराग बासु रोमांस और क्राइम का थ्रिलर मिश्रण कर लेते हैं। उनके लिए कहानी भी वैसी ही ली गयी थी। मगर काइट्स को इंटरनेशल फेस देने के चक्कर में मक्सिको की अभिनेत्री बराबर मोरी को लेना, स्पेनी भाषा में संवाद और बोल्ड रोमांस का तड़का दिया जाना मजबूरी हो गयी । नतीजे के तौर पर अनुराग के हाथ से सब कुछ निकलता चला गया । एक बात और। फिल्म में हृथिक रोशन एक चालू चीज़ है। वह पैसे के लिए फर्जी शादियाँ भी करता है। इसके लिए वह नापसंद करते हुए भी कंगना से शादी करने को तैयार हो जाता है। मगर पार्टी में बारबरा को देख कर उसे पुराना समय याद आता है, जब वह नकली शादी करने के दौरान बराबर से प्रेम करने लगता है। बारबरा मोरी में ऐसा हुस्न नहीं है कि कोई धन दौलत का मोह छोड़ कर उसे पाने के लिए अपनी जान दाँव पर लगा दे। राकेश रोशन अनुराग बासु तथा हृथिक-बारबरा की जोड़ी यह स्थापित कर पाने में असफल हुई थी कि उन दोनों के बीच कोई ऐसा रोमांस पैदा हो सकता है। शायद इसी लिए काइट्स का अंतर्राष्ट्रीय संस्करण अमेरिका, आस्ट्रेलिया, आदि देशों के दर्शकों को तमाम गरमा गर्म द्रश्यों के बावजूद आकर्षित नहीं कर सका था। लेकिन ये तो किसी ने भी नहीं सोचा था कि काइट्स की दो कुछ इतने फुसफुसे तरीके से कटेगी।

2 टिप्‍पणियां:

  1. क्रोध पर नियंत्रण स्वभाविक व्यवहार से ही संभव है जो साधना से कम नहीं है।

    आइये क्रोध को शांत करने का उपाय अपनायें !

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