रविवार, 27 जून 2010

कुछ यह भी

ढूँढने से जग में खुदा मिल जाता है यारो,

जो मिलता नहीं वह खुदा नहीं होता ।

आसमान में जितने तारे, तम्मनाये उतनी पालो,

छूने को आसमान हो तो तम्मनाओं की क्या बिसात?

जब पैदा हुआ मैं रो रहा था लोग हंस रहे थे,

आज मैं मर गया हूँ, तो लोग रो रहे हैं।

लोगों को समझना इतना आसान नहीं यारो,

मेरे लिए अजनबी हैं, उनके हरूफ।

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