शनिवार, 22 मई 2010

एक सेकंड में ज़िन्दगी बदलने का स्लाइडिंग डोर्स

अप्रैल में रामगोपाल वर्मा अपनी डरावनी फिल्म फूँक २ से दर्शकों के सामने थे। यकीन जानिए सिनेमाहाल में उपस्थित नाम मात्र के दर्शकों की फूँक तक नहीं सरका सके वर्मा। फूँक २ जापानी कोरियाई फिल्मों का चरबा थी। अब दर्शक होलीवूड के किसी रिमेक से डराए जाने वाले नहीं, बल्कि उन्हें सिहराने की तैयारी है। फिल्म है एक सेकंड जो ज़िन्दगी बदल दे। यह फिल्म भी १३बी की तरह दार्शनिक है। एक सेकंड एक औरत राशि पर केन्द्रित है, जो एक सेकंड के अंतर से ट्रेन पकड़ पाने में सफल और असफल होती है। इस सफलता और असफलता के बीच वह क्या पाती या खोती है, यही फिल्म की कहानी है। फिल्म के एक भाग में राशि ट्रेन पकड़ पाने में असफल होती है। वह पाती है की उसका प्रेमी एक लम्पट प्रकृति का व्यक्ति है और किसी अन्य लड़की से भी उसका अफेयर है। स्लाइडिंग डोर्स का हिंदी रीमेक एक सेकंड जो ज़िन्दगी बदल दे पार्थो घोष ने बनाया है। पार्थो घोष ने अमूमन होलिवुड की फिल्मों के हिंदी रीमेक बना कर ही ख्याति हासिल की है। स्लाइडिंग डोर्स में मुख्य भूमिका के लिए ग्वेन्थ पाल्ट्रो ने जोन लिंच , जिन ट्रिपलहोर्न और वर्जिनिया मैकना को लिया था । पार्थो की फिल्म में मनीषा कोइराला, जैकी श्रोफ, अमन वर्मा और रोजा कैतालिनो निबाह रहे हैं। मनीषा कोइराला के लिए इस फिल्म का कोई ख़ास महत्त्व नहीं, क्यूंकि अब वह शादी कर अपना घर बसने जा रही है। अलबत्ता, इस फिल्म से वह अपनी प्रतिभा का परिचय देकर बोलीवुड के फिल्म निर्माताओं को यह एहसास तो करा ही सकती हैं कि उन्होंने उनकी अभिनय प्रतिभा का भरपूर उपयोग नहीं किया।

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