मुझे डूबना अच्छा लगता है
यादों के समंदर में ।
मैं उतरता जाता हूँ
गहरा और गहरा
समंदर के अन्दर
...और अन्दर
जहाँ मुझे मिलते हैं
एक से बढ़ कर एक
बेशकीमती मोती
किये गए भले बुरे कामों के
उनसे मिले सबक के।
वही तो बताते हैं कि
मैंने क्या गलत किया
अब उन्हें सुधार कर
क्या अच्छा कर सकता हूँ।
इस समुद्र मंथन के बाद
जब मैं बाहर आता हूँ
तब खुद को
पहले से ज्यादा
मालामाल महसूस करता हूँ।
इसीलिए मुझे
डूब जाना पसंद है
यादों के समंदर की गहरायी में ।
यादों के समुन्दर में डूब कर बाहर आना आसान नहीं होता .. पर जो बाहर आ जाते हैं खूबसूरत लम्हें साथ लाते हैं ....
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