सोमवार, 13 जुलाई 2009

क्या यही लव आज कल है?

अभी फ़िल्म लव आज कल के निर्देशक इम्तियाज़ अली बोले कि मेरी फ़िल्म में फिल्थी संवाद हैं, चुम्बन हैं और सैफ ने दीपिका के बट पर हाथ फेरा है इसके बावजूद फ़िल्म फॅमिली ड्रामा है। यह यूथ को पसंद आने वाली फ़िल्म है। अर्थात टारगेट औडिएंस यूथ है। यह क्या बात हुई। आज का इंडियन यूथ का मतलब फिल्थी लैंग्वेज बोलने और पसंद करने वाला ही युवा है। वह अपनी प्रेमिका के बट पर हाथ फेर कर ही सुख पाता है। अभी कमबख्त इश्क की सफलता को देखते हुए तो ऐसा ही लगता है। लेकिन क्या यह अर्धसत्य नहीं? भेजा फ्राई को हिट किसने बनाया? ९९ किसने पसंद की? न्यू यार्क का दर्शक कौन है? क्या यह कमबख्त इश्क को हिट बनने वाला दर्शक नहीं? यदि फिल्थी लैंग्वेज और सेक्स यूथ की पसंद होती तो झूम बराबर झूम को फ्लॉप नहीं होना चाहिए था। निश्चय ही रब ने बना दी जोड़ी तो सुपर फ्लॉप फ़िल्म बननी चाहिए थी। इसलिए इम्तियाज़ ऐसा कह कर अपनी सोचा न था और जब वे मेट से बनी प्रतिष्ठा को ख़त्म कर रहे है।

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