अब अधिकृत रूप से यह तय हो गया कि आमिर खान २००४ में प्रदर्शित फिल्म धूम की तीसरी कड़ी धूम ३ के विलेन होंगे। इस तीसरी कड़ी में भी अभिषेक बच्चन और उदय चोपड़ा अपनी मूल फिल्म की जय दीक्षित और अली की भूमिकाएं करेंगे। धूम की पहली दो कड़ियों को देखिये तो इनमे ऐसा कुछ नहीं था कि जो लोजिकल कहलाता। धूम २००४ में जॉन अब्राहम अपने साथियों के साथ डकैतियां डाला करते थे। जितना बचकाना उनकी डकैती डालने का ढंग था, उतनी ही बचकानी लेखक विजय कृष्ण आचार्य और निदेशक संजय गढ़वी की पुलिस थी। बड़ी जद्दोजहद के बाद जब तक अभिषेक और उदय ज़ोन को पकड़ते वह बाइक के साथ पहाड़ से कूद जाते हैं। १७ करोड़ की इस फिल्म ने ५५ करोड़ की कमाई की थी। इस फिल्म ने युवाओं में मोटर बाइक के प्रति क्रेज पैदा किया। धूम २ में विलेन बदल गया था। जान की जगह ऋतिक रोशन आ गए थे। पर स्टूपिडनेस बकाया थी। फिल्म में सेक्स अपील पैदा करने के लिए ऐश्वर्य राय आ गयीं थी। इस फिल्म ने भारतीय डिजायनरों की चाँदी कर दी। ऋतिक और ऐश्वर्य ने मिल कर गज़ब की सेक्स अपील पैदा की। फिल्म को बनाने में ३५ करोड़ लगे थे। पर यश चोपड़ा को १४३ करोड़ मिल गए। इस दोनों फिल्मों के लेखक विजय कृष्ण आचार्य उर्फ़ विक्टर थे। निर्देशन संजय गढ़वी का था। यकीन जानिए दोनों ही फिल्में स्टूपिड नेस में एक से बढ़ कर एक थीं।
अब जबकि इस साल के आखिर में धूम ३ का फिल्मांकन शुरू हो जायेगा, एक बार फिर विलेन बदल गया है। जान और ऋतिक की जगह आमिर खान ने ले ली है। ऋतिक और जान ने कभी ऐसा दावा नहीं किया कि वह फिल्म ठोंक पीट कर करते हैं, स्टूपिड फ़िल्में उन्हें नागवार हैं। पर आमिर ने ऐसा दावा किया है। उन्होंने साजन का संजय दत्त वाला रोल इस लिए नहीं किया कि यह स्टूपिड था। ऐसे में उन्होंने धूम ३ क्या देख कर ली ? क्या विक्टर का इतिहास उन्हें नहीं मालूम? क्या उन्हें नहीं मालूम कि आचार्य ने २००८ में टशन जैसी रद्दी फिल्म का निर्देशन और लेखन किया था। अब जबकि धूम ३ केनिर्देशक की कुर्सी पर आचार्य ही हैं, क्या आमिर खान के आने मात्र से सब बदल जायेगा। क्या आमिर को आचार्य की स्क्रिप्ट पर भरोसा है? हो सकता है धूम ३ की स्क्रिप्ट वास्तव में अच्छी हो।
पर धूम ३ में आमिर के लिए चुनौतियाँ ज्यादा हैं। उन्हें जान अब्राहम को नहीं ऋतिक को रिप्लेस करने है। जान को रिप्लेस करना आसान था। पर ऋतिक अपने आप में बेहतर एक्टर और बेहद खूबसूरत व्यक्तित्व के अभिनेता हैं। धूम २ में वह डिजाइनर कपड़ों में वह गज़ब के लगे थे। उन्होंने पूरी फिल्म में कई भेष धरे, दर्शकों ने खूब तालियाँ बजायीं। इसमें ऐश्वर्य ने उनका भरपूर साथ दिया। आमिर खान का वैसा व्यक्तित्व नहीं। यह ३ इडियट्स का प्रचार नहीं कि जैसा चाहे वैसा भेष धर लिया, घरेलू प्रशंसकों ने उसे स्वीकार भी कर लिया। यश चोपड़ा सात समुन्दर पार के दर्शकों को लुभाने के लिए भी फ़िल्में बनाते हैं। यह दर्शक आमिर के देशी लुक से प्रभावित नहीं होंगे। धूम ३ के ऋतिक आमिर के माप दंड होंगे। यदि आमिर खरे नहीं उतरे तो क्या होगा? यहाँ याद रखना होगा कि फिल्म के डिरेक्टर टशन जैसी फ्लॉप फिल्म के विजय कृष्ण आचार्य ही हैं। ऐसे में आमिर खान ऋतिक रोशन से मात खा जायेंगे।
सबसे बड़ी बात यह है कि धूम ३ से आमिर क्या साबित करना चाहते हैं? मान लीजिये की धूम ३ हिट हो जाए। वह सबसे बड़े विलेन साबित हो जाएँ। तो क्या वह इस प्रकार से भी स्टूपिड फिल्म करने वाले अभिनेता साबित नहीं होंगे? क्या इस प्रकार से आमिर यह साबित करना चाहते हैं कि ३ इडियट्स के एक इडियट वही हैं।
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